Homeopathic medicine for fever in Hindi
शरीर के स्वाभाविक तापमान में अधिक वृद्धि हो जाने को ज्वार या बुखार (fever) कहा जाता है। शरीर के किसी भाग अथवा अवयव में जब कोई सूजन उत्पन्न होता है अथवा शरीर के रक्त में कोई विष प्रविष्ट होता है उस समय शरीर के स्वाभाविक तापमान में वृद्धि होनी शुरू हो जाती है। जब कोई जीवाणु या विषाणु हमारे शरीर में प्रवेश करता है, तब हमारा रोग प्रतिरोधक क्षमता उस जीवाणु और विषाणु को खत्म करने के लिए काम शुरू करता हैं। मनुष्य की शारीरिक तापमान भी उनमें से एक है, जब कोई बाहरी विष यानी जीवाणु या विषाणु हमारे शरीर में प्रवेश करता है तो हमारे शरीर के स्वभाविक तापमान में वृद्धि होने लगती है, ताकि उस बाहरी विष या जीवाणु और विषाणु को खत्म किया जा सके उसी बढ़ हुए शारीरिक तापमान को बुखार या ज्वर कहा जाता है।
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होम्योपैथिक दवाइयां
होम्योपैथिक दवाइयां कारगर और सुरक्षित होती हैं। वैसे तो बहुत सारी होम्योपैथिक दवाइयां हैं जो बुखार को खत्म कर सकती हैं लेकिन इनमें से कुछ ऐसी होम्योपैथिक दवाइयां हैं जो बुखार को पुरी तरह खत्म और कम कर सकती हैं। होम्योपैथिक दवाइयां संक्रमित व्यक्ति के लक्षणों पर चलाई जाती हैं। बुखार में बहुत सारे लक्षण दिखाई पड़ते हैं, उन लक्ष्यों को देखकर ही होम्योपैथिक दवाइयों का चयन किया जाता है।
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मनुष्य की समान्य शारीरिक तापमान : Normal body temperature of Human in Hindi.
मनुष्य के शरीर का स्वाभाविक तापमान 97 डिग्री से 98.5 डिग्री फारेनहाइट (97°F to 98.5°F) तक माना गया है। जब शरीर का तापमान 98.5 डिग्री फारेनहाइट से अधिक हो जाता है तो उसे ज्वार यानी बुखार किस संज्ञा दी जाती है।
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ज्वर के प्रकार : Types of fever
जिस प्रकार बुखार होने के अनेक कारण होते हैं, उसी प्रकार ज्वार की कितने भी अलग-अलग पाई जाती हैं बुखार के अलग-अलग कितने निम्नलिखित हैं।
- सामान्य ज्वर ( simple fever)
- सर्दी का ज्वर(Catarrhal fever)
- अविराम ज्वर (Continued fever)
- स्वल्प ज्वर (Remitent fever)
- सविराम ज्वर अथवा विषम ज्वर (Intermittent Fever)
सामान्य ज्वर
यह बुखार अनेक तरीके से उत्पन्न हो सकता है। इस ज्वर के कारण भी हमारे शरीर का स्वाभाविक तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है। सामान्य बुखार मुख्य रूप से निम्नलिखित कारणों से उत्पन्न हो सकता है।
- किसी कीटाणु यानी मच्छर आदि के काटने से
- खानपान के अनियमितता के कारण
- मौसम के बदलाव के कारण
- तेज धूप में घूमने के कारण
- सर्दी लगने के कारण
- बरसात में भीगने के कारण
- अत्यधिक परिश्रम करने के कारण
- ठंड लगने के कारण इत्यादि
ऊपर दिए हुए सही कारणों से हमारे शरीर का स्वाभाविक तापमान बढ़ता है जिसे सामान्य ज्वर कहा जा सकता है।
सामान्य ज्वर में चलने वाली होम्योपैथिक दवाइयां: Homeopathic medicine for fever in Hindi.
सामान्य ज्वर में चलने वाली होम्योपैथिक दवाइयां एक से अधिक है जिसका इस्तेमाल छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों तक में की जाती है। यह होम्योपैथिक दवाइयां सामान्य ज्वर को जड़ से खत्म कर देती है। सामान्य ज्वर में चलने वाली होम्योपैथिक दवाइयां निम्नलिखित है।
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एकोनाइट नेपेलस 2x,6x,30,200 :
यह एक से अधिक शक्तियों में उपलब्ध है और न्यूनतम शक्तियों का इस्तेमाल सामान्य ज्वर को खत्म करने के लिए की जा सकती है।
एकोनाइट नेपेलस 2x,6x,30,200 का इस्तेमाल मुख्य रूप से सामान्य ज्वर में की जाती है जो निम्नलिखित कारणों से उत्पन्न हो सकती है।
- खुश्क ठंडी हवा लगने के कारण
- भय के कारण
- बच्चों व्यस्को या बुजुर्गों को टीका लगने के कारण
- जाड़े के दिनों में ओश में रहने के कारण जो ज्वर उत्पन्न होते हैं। उनमें यह होम्योपैथिक दवा सर्वोत्तम मानी जाती है।
सामान्य बुखार में दिखने वाले इन लक्षणों में एकोनाइट मुख्य रूप से कारगर मानी जाती है जैसे ज्वार के साथ तीव्र प्यास तथा बेचैनी के लक्षण इस दवा के लिए प्रमुख माने जाते हैं।
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बेलाडोना 6,30,200
अगर ऊपर दिए हुए कारणों की वजह से ज्वर उत्पन्न हुई हो और उस ज्वर में दिखने वाले लक्षणों में मुख्य रूप से सर में दर्द तथा आंखों में लाली दिखे तो इस दवा का इस्तेमाल सर्वोत्तम माना जाता है।
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रस टॉक्स 6,30,200
रस टॉक्स भी सामान्य ज्वर को खत्म करने के लिए एक बेहतर होम्योपैथिक दवा (Homeopathic medicine for fever) मानी जाती है। यदि बरसात की ठंडी हवा लगने के कारण अथवा पानी में भीग जाने के कारण जो ज्वर उत्पन्न हुआ हो तथा उनमें दिखने वाले लक्षणों में संपूर्ण शरीर में विशेषकर कमर में दर्द दिखे तो इस दवा को देने से लाभ होता है। ठंड लगकर ज्वर आने तथा उसके साथ साथ घंटों पूर्व कष्टप्रद सूखी खांसी होती हो तो उस तरह के ज्वर और लक्षण में यह दवा सर्वोत्तम मानी जाती है।
डलकामारा 6,30,200
बुखार के साथ-साथ अगर व्यक्ति में तीव्र बमन अथवा मिचली के लक्षण दिखे तो इस दवा का उपयोग बेहतर माना जाता है। ऊपर दिए गए औषधि के लक्षण अगर स्पष्ट न दिखे यानी बुखार में कोई भी लक्षण स्पष्ट ना हो तो इस औषधि का इस्तेमाल एक एक घंटे के अंतराल पर करने से अपेक्षित लाभ होता है।
पल्सेटिला6,30,200
यदि अधिक खाने पीने के कारण या अधीक स्नान करने के कारण बुखार उत्पन्न हुई हो और उस बुखार की वजह से प्यास बिल्कुल भी न हो तो इस दवा का इस्तेमाल सर्वप्रथम बेहतर माना जाता है।
एंटिम क्रूड 6,30,200
यदि अधिक गरिष्ठ पदार्थों के खा लेने से यानी अधिक तैलीय पदार्थ, मांसाहारी पदार्थ, बाहरी तला हुआ सामान इत्यादि के खा लेने से जो ज्वर उत्पन्न हुई हो और उस ज्वर के कारण जीभ का रंग सफेद दिख रहा हो तो इन परिस्थितियों में इस दवा का इस्तेमाल बेहतर माना जाता है।
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