ब्लॉग में दी गई जानकारियाँ
Typhoid diet in Hindi.
टाइफाइड में ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिसकी पाचन प्रक्रिया आसान हो तरल पदार्थों का सेवा तथा कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन जो आपको ताकत प्रदान करें।
टाइफाइड बुखार क्या है ? : What is Typhoid Fever in Hindi.
टाइफाइड बुखार मुखयतः साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया से उत्पन्न होता है। बरसात के मौसम में टाइफाइड के मामले बढ़ जाते हैं इसका कारण यह है कि बरसात में पेयजल के संक्रमित व प्रदूषित होने की आशंकाएं काफी बढ़ जाती है। यह बैक्ट्रिया प्रदूषित पेयजल व खाद्य पदार्थों के सेवन से मनुष्यो तक पहुंचाता है। सालमोनेला टायफी बैक्टीरिया मुंह के द्वारा आंतों तक पहुंचता है, आंतों में यह 1 से 3 सप्ताह तक अपनी संख्या को बढ़ाता है उसके बाद यह आंतों के दीवारों से होते हुए खून में चला जाता है। अगर इस संक्रमण का इलाज नहीं किया गया तो 25% मामलों में इस संक्रमण के कारण मौत हो जाती हैं। अगर समय रहते इसका उपचार किया गया तो 4% से 5% मामलों में इससे मौत देखी गई है।
Typhoid Fever बैक्टीरियल संक्रमण के द्वारा उत्पन्न एक बीमारी है। Typhoid Fever को मोतीझरा बुखार, मियादी बुखार, आंत्र ज्वर भी कहा जाता है। मियादी बुखार किसी जानवर के द्वारा नहीं फैलता और ना ही किसी कीड़े मकोड़े और मच्छर के काटने से फैलता है। यह संक्रमण मुख्यतः एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। टाइफाइड बुखार मुख्यतः संक्रमित व्यक्ति के मल के द्वारा फैलाई जाने वाली गंदगी के कारण दूसरे व्यक्तियों में पहुंचता है। यह संक्रमण बच्चों के स्वास्थ्य के लिए ज्यादा गंभीर खतरा है।
टाइफाइड फीवर में क्या खाएं और क्या नहीं : Typhoid diet in Hindi.
क्या खाएं : Typhoid diet in Hindi.
मियादी बुखार में तरल पदार्थों का उपयोग ज्यादा करनी चाहिए। : Include liquid in Typhoid diet in Hindi.
मियादी बुखार में तरल पदार्थों का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें क्योंकि मियादी बुखार में आपके शरीर में पानी की कमी अत्यधिक हो जाती है इसलिए उस पानी की कमी को पूर्ति करने के लिए तरल पदार्थों का सेवन जरूरी है।
पानी अधिक मात्रा में पीएं। : Drink more water in Typhoid diet in Hindi.
पानी का इस्तेमाल अधिक से अधिक मात्रा में करें ताकि आपके शरीर में पानी की कमी ना हो फलों का जूस एवं सुख का इस्तेमाल करें।
फलों के जूस और सूप का इस्तेमाल करें : Fruit juice in Typhoid diet in Hindi.
बहुत बार ऐसा देखा गया है कि लोग तरल पदार्थों से दूर भागते हैं फल के जूस और सुप उन्हें अच्छे नहीं लगते हैं लेकिन मियादी बुखार में फलों के जूस और सूप का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए फल के जूस तथा सुप के इस्तेमाल से आपके शरीर में सोडियम की कमी नहीं होगी।
प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ : Eat protein foods in Typhoid diet in Hindi.
अंडे में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन पाई जाती है जो आपके शरीर को ताकत पहुंचाती है तथा आप को कमजोर होने नहीं देती है। पनीर में अत्यधिक मात्रा में प्रोटीन पाई जाती है। टाइफाइड के कारण हमारा शरीर कमजोर पड़ना शुरू हो जाता है। जिसका मुख्य कारण होता है हमारे शरीर में प्रोटीन की कमी होना अगर आप अंडे और प्रोटीन का सेवन बिना तले हुए करते हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद होगा क्योंकि यह आपके शरीर को ताकत प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण सामग्री है।
मछली और चिकन में भी अत्यधिक मात्रा में प्रोटीन पाई जाती है लेकिन आप इसका इस्तेमाल अत्याधिक तलकर ना करें आप इसका इस्तेमाल हाल की मात्रा में तलकर करें।
कम फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करें जैसे मैदा सूजी दाल इत्यादि।
जिस पदार्थ में फाइबर की संख्या कम पाई जाती हो उस भजन युक्त पदार्थों का सेवन अत्यधिक करें।
क्या नहीं खाना चाहिए : what to not eat in Typhoid.
- तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें
- अधिक फाइबर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें
- लहसुन, प्याज, शिमला मिर्च, गोभी इत्यादि खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल ना करें
- बाहरी खाद्य पदार्थो सेवन ना करें।
- खुला हुआ भोजन और मक्खी लगा भोजन या खाद्य पदार्थो का सेवन ना करें।
- मसलेदार भोजन और खाद्य पदार्थो के सेवन से दूर रहें।
- शौच से आने के बाद अपने हांथो को अछि तरह से धो कर ही भोजन ग्रहण करें।
- गन्दी जगहों से पानी कभी न पिएं।
टाइफाइड बुखार का इलाज : Treatment of Typhoid Fever in Hindi.
टाइफाइड का पता slide widal test या Typhidot test से लगता है। इन जांचों में रिजल्ट कभी-कभी फॉल्स पॉजिटिव या फॉल्स नेगेटिव भी हो सकता है। इसका मतलब है कि बीमारी ना होने पर भी यह टेस्ट कभी-कभी पॉजिटिव आ सकता है या बीमारी होने पर भी नेगेटिव हो सकता है इसलिए बीमारी का इलाज और टेस्ट डॉक्टर की सलाह से करवाएं।
मियादी बुखार के इलाज के लिए कई कारगर एंटीबायोटिक्स उपलब्ध है पर एंटीबायोटिक्स लेते समय इन बातों का ध्यान रखें।
- डॉक्टर की सलाह के बगैर दवाएं न लें
- डॉक्टर के परामर्श से ब्लड टेस्ट के बाद ही दवा शुरू करें।
- एंटीबायोटिक को सही मात्रा और सही समय पर लें और दवा का पूरा कोर्स करें।
- दवा को बीच में ना छोड़ें निर्धारित डोज में दबा ना लेना और उचित वक्त पर दवा ना लेना या बार-बार एंटीबायोटिक्स बदलने से यह रोग बैक्टीरिया रेसिस्टेंस हो सकता है ।
- बुखार में पेरासिटामोल का इस्तेमाल करें
- पानी और अन्य तरल पदार्थों का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें।
मियादी बुखार से बचाव : Prevention from Typhoid Fever.
- साबुन और स्वच्छ पानी या बहते पानी में हाथों को अच्छी तरह से धोने से टाइफाइड समेत अनेक संक्रामक रोगों से बचा जा सकता है।
- खाने से पहले और शौच के बाद हाथ जरूर साफ करें।
- इसी तरह बाज़ार में रखे खुले और कटे हुए खाद्य पदार्थों और फलों को ना खाएं।
- कच्चे सब्जियों को ना खाए सब्जियों को पूरी तरह पका कर ही खाएं।
- टाइफाइड की बीमारी से बचाव के लिए टीका उपलब्ध है टीका हर 2 साल बाद दोबारा लगवाना पड़ता है।
- मल मूत्र त्यागने की जगह पर स्नान या उस जगह की पानी कभी ना पिए।

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